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जानें सबकुछ क्या है कोरोना वायरस जो चीन समेत पूरी दुनिया के लिए बन गया है खतरा?
चीन में नए वायरस से अब चार लोगों की मौत हो चुकी है. इसे Coronavirus कहते हैं. बायोलॉजिस्ट्स इसे महामारी फैलाने वाला बता रहे हैं, वह भी Severe Acute Respiratory Syndrome (SARS) जैसी, जिसने 2002-03 के बीच दुनियाभर में लगभग 800 लोगों की जान ली. SARS की शुरुआत भी चीन से ही हुई थी. Coronavirus की पहचान करने में वैज्ञानिकों को दो हफ्ते लगे.
मध्य चीन के वुहान से शुरुआती मामले सामने आए. अब तक 200 से ज्यादा मामले रिपोर्ट हो चुके हैं. चीन से बाहर, साउथ कोरिया, जापान और थाइलैंड से कुल चार मामले सामने आए हैं. दुनिया भर के देशों ने वुहान से आने वाले पैसेंजर्स को स्क्रीन करना शुरू कर दिया है.
Coronaviruses दरअसल वायरस का एक बड़ा समूह है जो जानवरों में आम बात है. यह एक तरह का न्यूमोनिया वायरस है. बायोलॉजिकली यह SARS की फैमिली से आता है. अमेरिकी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, दुर्लभ मामलों में, यह वायरस जानवरों से इंसानों में ट्रांसमिट हो सकता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने भी इसे लेकर एलर्ट जारी किया है.
हांगकांग
यूनिवर्सिटी
के
एक
वायरलॉजिस्ट के मुताबिक, “हम इतना जानते हैं कि इससे न्यूमोनिया होता है और यह एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट पर रिस्पांड नहीं करता. यह अजीब नहीं है मगर SARS 10 फीसदी इंडिविजुअल्स को मार देता है.”
कैसे
हैं
लक्षण?
बुखार
आता
है.
सांस
लेने
में
तकलीफ
होती
है,
सामान्य सर्दी जैसे. नाक बहती है, कफ बनता है, गले में खराश रहती है, सिरदर्द हो सकता है. सांस से जुड़ी कई बीमारियों के लक्षण मिलते हैं. जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर हैं, उन्हें न्यूमोनिया और ब्रांकाइटिस जैसी बीमारी हो सकती है.
Coronavirus के
कुछ
टाइप
ऐसे
हैं
जो
घातक
हैं.
ऐसे
ही
लक्षणों
वाला
एक
वायरस
साल
2012 में
मिडल
ईस्ट में सामने आया था. Middle East Respiratory Syndrome यानी MERS से भी सांस की तकलीफें होती थीं मगर उसके लक्षण ज्यादा गंभीर थे. हर 10 इंफेक्टेड पेशेंट्स में से चार की मौत हो गई थी. SARS के लक्षण भी ऐसे ही हैं. SARS का डेथ रेट 0-50% था.
कैसे
फैलता
है
कोरोनावायरस?
यह वायरस इंसान के जानवरों के संपर्क में आने से फैलता है. चीन से अभी इंसान से इंसान को यह वायरस फैलने का पहला केस भी आया है. जब इंसान से इंसान के बीच वायरस फैलता है तो यह किसी ना किसी तरह से दोनों के संपर्क में आने पर होता है. जैसे खांसी, छींक या फिर हाथ मिलाने से वायरस फैल सकता है. इंफेक्टेड व्यक्ति ने कुछ छुआ हो और उसे सामान्य व्यक्ति छू ले तो वायरस की चपेट में आ सकता है.
कोई
इलाज
है?
अभी
तक
कोई
इलाज
नहीं
है.
आमतौर
पर
लक्षण
खुद-ब-खुद चले जाते हैं. डॉक्टर्स दर्द या बुखार की दवा देकर राहत देते हैं. अगर सामान्य जुकाम से ज्यादा गंभीर लक्षण लगें तो फौरन डॉक्टर से मिलें.
चपेट
में
आने
से
कैसे
बचें?
इस
वायरस
की
कोई
वैक्सीन नहीं है, कम से कम अभी तक तो नहीं. MERS वैक्सीन के ट्रायल भी चल रहे हैं. आप बीमार व्यक्तियों के संपर्क में ना आकर खतरा कम कर सकते हैं. अपनी आंख, नाक और मुंह को छूने से बचिए. साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोइए. अगर आप बीमार हैं तो भीड़ से दूर रहे और घर में रहें.
छींकते
या
खांसते
समय
मुंह
ढंक
लें.
जिन
चीजों
को
आप
छुएं,
उन्हें डिस्इंफेक्ट कर लें.Read more....
Call Now: +91-9871605858, 9136363692
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